GuruSpeak 3
SHABAD BY KABIR JI
उडहु ना कागा कारे
बेगि मिलीजै अपने राम पिआरे
पंथ निहारै कामनी लोचन भरी ले उसासा
उर ना भीजै पग न खिसै हरि दरसन कीआसा
कहि कबीर जीवन पद कारनि हरि की भगति करीजै
एकु आधार नाम नारायन रसना राम रवीजै. (SGGS P 338)
This shabad has been sung by Jagjit Singh and available on YouTube
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